Saturday, 11 October 2014

दोस्तों में ये हमारा दुर्भाग्य कहूँगा या फिर कंपनी का या फिर गोपालजी का जो भी आता है अवसरवादी होता है या फिर हेकड़ा ऐसा कोई नहीं आता जो मोदीजी के नारे का अनुसरण करे '' सबका साथ सबका विकास "पहले दुबेजी आये उन्हें बहुत समझाया की सब को लेकर चले परन्तु बो सबकुछ खुद करना चाहते थे आखिर में परिणाम 26 जनवरी से अब तक जीरो। अब रियाज़ साहब आये है 2 साल के वनवास के वाद और आते ही तालिवान फरमान जारी कर दिया की सबको सूट में आना Mandatory है अब जैसे नए सूट के पैसे रियाज़ साहब अपनी जेब से देंगे कियोकि 26 माह बाद किसके सूट बचे है में रियाज़ साहब से कहुगा की आँखे खोलो कंपनी को बंद हुए 26 माह हो गए। में रियाज़ साहब से कहना चाहुगा एक अच्छा आलोचक आलोचना जब करता है जब उसे किसी सिस्टम में या व्यक्ति में कमिया नज़र आती है और समझदार व्यक्ति  उस आलोचक की बातो पर गोर करके उस सिस्टम की कमियों को दूर करता है न की जबाब देने के लिए गलतियों पर गलती। आज वक्त की मांग है nmart में सभी को एक किया जाये और सभी के साथ विनम्र निवेदन से पेस आया जाये ताकि सभी अपना सहयोग अपनी योग्यता अनुसार दे सके और सही निर्णय लोगो के हित में जल्दी से जल्दी ले सके। ये आखरी मीटिंग ही माने शायद अब दुबारा कोई मीटिंग में न आये

शैलेश शर्मा

2 comments:

  1. Sahi kaha sharma avsarvadi to tum log bhi ho kabhi apne fayde ke liye company ki tarif karte ho kabhi burai ek jutata to hai hi nahi ab kya jaadu ki ummid hai tumko sab bade vaale apna award mil jaaye iske lite vo Shekhawat ki Ji hajuri karte hai per milta kya hai babaji ka thullu sab log awserwadi hai ekta to kisi me nahi sab apne fayde ke liye lage hai lakin company ab nahi chal payegi bolo Tara ra ra ra

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  2. Jo Nmart ke bure time me muh chupa ke bhage usse ekjuta ki aasha karna kitni badi murkhta h accha aane pe phir lutne ka plan leadero ko fusla ke banane aaye h savdhan ho jao ab Jo Nmart ka kaam karega vo gaddhe me girega jiski kismat me laat jute khana likha ho in choro ki bato me fasega samjhe

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